सदगुरु जग्गी वासुदेव कौन हैं, किन लोगों को उनसे समस्या है?
मेरे एक प्रिय Quora लेखक मित्र ने प्रश्न किया है सद्गुरु जग्गी वासुदेव कौन हैं, किन लोगों को उनसे समस्या है? सदगुरु जग्गी वासुदेव, एक योगी, रहस्यदर्शी और बुद्ध पुरुष हैं, और बुद्ध पुरुषों से बुद्धुओं को, मूढो, दुष्टों को, षडयंत्रकारियों, कुटिल लोगों को सदैव समस्या रही है।
ऐसा सदा से हुआ है चाहे वो राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, जीसस, कबीर, नानक, ओशो या सदगुरु ही क्यों ना हो, इन सभी ने अपने समय में यहाँ तक की सेकड़ों, हज़ारों वर्ष बाद आज भी इन दुर्बुद्धि लोगों की मुर्खता और दुष्टता का सामना करना पड़ रहा है, कुछ मूर्ख और दुर्बुद्धि लोग इन महामानवों, अवतारों, और सिद्ध पुरुषों की अवमानना और अपमान करने का दुर्भाग्यपूर्ण निंदित कृत्य करने में प्रवृत्त रहते हैं, उनके अस्तित्व और प्रामाणिकता पर प्रश्न करते हैं, क्या ऐसे बीमारों का कोई इलाज संभव है?
चमगादड़ और अंधेरे में रहने और जीने वाले सभी जीवों को सूर्य और रोशनी से समस्या रहती है, ऐसा ही इन बंदबुद्धि लिबरल, सेक्युलर और वामपंथी लोगों की भी समस्या है, यह लोग भी उन्हीं में से हैं जो सत्य देखना, सुनना और प्रतिष्ठित होते देखना बर्दाश्त नहीं कर सकते, क्यूंकि, इससे इनके नीच स्वार्थों और दूषित उद्देश्य उजागर होने का भय रहता है, यह लोग सदैव प्रबुद्ध और जागृत लोगों से और लोगों के अज्ञान और अचेतना को तोड़ने वाले महामानवों से भयभीत होते हैं।

कुटिल और दुष्ट सत्ताधारी और राजनितिक शक्तियाँ और तथाकथित बुद्धिजीवी, लोभी, लालची पत्रकार अपने सत्ताधारी आकाओं और प्रायोजकों की दया पर और उनकी चापलूसी करके जीवन जीते हैं, ऐसे लोग और इनके आका और प्रायोजक सदगुरु जैसे व्यक्तियों की बातों को बिल्कुल पसंद और बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
यह सभी सदा से सदगुरु जैसे महिमावान सम्बुद्ध व्यक्तियों के विरोधी हैं और रहेंगे, जो भी व्यक्ति जनमानस को सत्य और बोध की ओर ले जाते हों, जो उनकी मूढ़ता, जड़ता और अंधेपने के प्रति उन्हें जागरुक करें और उनपर चोट करें, उनसे यह लोग भयभीत रहते हैं, क्यूंकि इनकी स्वार्थ सिद्धि तभी संभव है जब लोग अज्ञानी, अचेत और अंधे हों, और सदगुरु जैसे लोग इनके लिए मुसीबत सिद्ध होते हैं, क्यूंकि उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य लोगों को चेतन और जागृत करना और सत्य को जानने और अनुभव करने में सक्षम बनाना होता है।
जो लोग सदगुरु जैसे बुद्ध पुरुषों के खिलाफ झूठे आरोपों और मिथ्या प्रचार का जाल बुनने की कोशिश करते हैं वो इस धरती पर उन लोगों में से हैं जिन्हें सत्य सुनने, देखने और समझने से परहेज है सदा से और रहेगा सदा, क्योंकि वो खुद जीवन के मूल अर्थ और उद्देश्यों को भूलकर उसकी अर्थी उठाने वाले बन चुके हैं, साथ ही यह सभी अपनी ही सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ों से कटे मूर्ख और परजीवी हैं, जिन्हें बुद्धिजीवी और विद्वान होने का भ्रम है।
यह बिना रीढ़ और चेतना वाले लोग सदगुरु जैसे महामानवों की वास्तविकता और अर्थवत्ता और उनके कल्याणकारी कार्यों और उद्देश्यों पर प्रश्न करते हैं, उनकी गरिमा को भंग करने का ओछा और असफल प्रयास करते रहते हैं, क्यूंकि इनकी इतनी हैसियत नहीं जो परम शिव की महिमा को जान देख और समझ सकें, इनकी बुद्धि और मूर्खता हास्यापद है।
यहाँ भी यह सभी लोग इस देश के लोगों का ब्रेनवाश करने, उन्हें उनकी आध्यात्मिक विरासत और हज़ारों साल पुरानी संस्कृति से काटने, भ्रमित करने, हमारे गौरवशाली अतीत और इतिहास को मलिन, विकृत और दूषित करने का जघन्य अपराध करते रहे है पिछले 70 वर्षों से और आज भी इसे पूरे जतन से संपादित कर रहे हैं।

सदगुरु, इस राष्ट्र के लोगों को उनकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान की परंपरा से जोड़ने का महान उपक्रम कर रहे हैं, वो हज़ार वर्षों से कुंठित, दिग्भ्रमित, मलिन और दूषित मानवीय चेतना को जागृत करने का दुर्धर्ष कार्य कर रहे हैं।
सदगुरु, भारत की सोई हुई चेतना को जगा रहे हैं, पूरे विश्व में भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक ज्ञान और चेतना के बीज बो रहे हैं, वो इस राष्ट्र की वास्तविक आत्मा से लोगों का परिचय करा रहे हैं।
सदगुरु, भारत के प्राचीन गौरव और ज्ञान की पुनर्स्थापना का महानतम कार्य कर रहे हैं, इन सबसे उपर वो लाखों लोगों को उनके जीवन में क्रांतिकारी आत्म रूपांतरण की तकनीक सिखा रहे हैं, साथ ही लाखों असहाय, बेसहारा लोगों को स्वस्थ, शिक्षित और सक्षम बनाने का कार्य उनके फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है।
वो सत्य को पूरी स्पष्टता और निर्भीकता पूर्वक प्रस्तुत करते हैं, राष्ट्र विरोधी ताकतों से कठोरता से निपटने का सुझाव देते हैं, वो भारतीय सेना के शौर्य और साहस की बेहद प्रशंसा करते हैं, उनके बलिदान और जज्बे को नमन करते हैं।
वो जो जैसा है उसे वैसा ही देखने, समझने और स्वीकार करने पर बल देते हैं, वास्तविकता आधारित तथ्य और सत्य प्रस्तुत करते हैं, जीवन और जगत के संबन्ध में सभी आयामों और घटनाओं के संबन्ध में और जो भी इस ग्रह और यहाँ के जीवन की बेहतरी के लिए जरुरी है।
वो भारत की एकता और अखंडता के घनघोर पक्षधर हैं, वो पूरे राष्ट्र की नदियों के पुनर्जीवन के लिए प्रयासरत हैं, करोड़ो वृक्षों का रोपण करवा रहे हैं, वो भारत के वर्तमान नेतृत्व की रचनात्मक और राष्ट्र को सशक्त और बेहतर बनाने के कार्यों, परियोजनाओं के प्रशंषक और सलाहकार हैं।
वो नये भारत के निर्माताओं में से एक हैं, वो युवाओं को सत्य के अवगाहन के लिए प्रेरित करते हैं, उन्हें जीवन और जगत के प्रति वास्तविक और वैज्ञानिक दृष्टि और दिशा देते हैं, वो सभी को अपना और जीवन का सत्य जानने और खोजने के लिए प्रेरित करते हैं।
सदगुरु, योग के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक स्वरूप को सीखने और जानने तथा भारत की महान आध्यात्मिक विरासत को जन जन में और संपूर्ण विश्व में प्रतिष्ठित करने और वास्तविक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का सार्थक उपक्रम कर रहे हैं, पूरे विश्व में उनके साधक और साधना केंद्र लाखों लोगों के जीवन को रूपांतरित करने का महान कार्य कर रहे हैं।
सदगुरू, वर्तमान में भारत की वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा के वास्तविक उदगाता और प्रतिष्ठापक हैं, वो जीवंत जागृत बुद्ध पुरुष हैं, वो ऐसा सबकुछ कर रहे हैं, जो इन तथाकथित वामपंथियो, लिबरल और विशिष्ट एजेंडे वाले तथाकथित सेक्युलर की झूठी, मक्कारी भरी, शोषण और असत्य पर आधारित अस्तित्व और अलगावकारी विनाशकारी राष्ट्रद्रोही व्यवस्था के बिल्कुल पक्ष और समर्थन में नहीं है।
सदगुरु योग के वैज्ञानिक स्वरुप, आतंरिक और बाह्य स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन के सभी आयामों के सम्बन्ध में जागरूकता और चेतना विकसित करने के लिए पूरे विश्व में भ्रमण कर रहे हैं, सभी शक्तिशाली वैश्विक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संगठनों और नेताओं और प्रमुख व्यक्तियों के साथ विचार विमर्श करते हुए और उनके साथ मिलकर विश्व कल्याण और मानवीय चेतना को ऊपर उठाने के कार्यक्रमों और आवश्यकता के प्रति जागरूकता और प्रशिक्षण का आयोजन कर रहे हैं।
वे भारत स्थित ईशा योग केंद्र और पूरे विश्व के विभिन्न भागों में स्थापित और क्रियाशील केन्द्रों के माध्यम से लाखों लोगों तक वास्तविक योग और ज्ञान की ज्योति पहुंचा रहे हैं, उनके समस्त कार्य का सञ्चालन भारत और पूरे विश्व में उनके स्वयं सेवकों द्वारा संचालित किया जाता है, जो बेहद प्रतिभावान और शिक्षित और अपने जीवन और कार्य क्षेत्र में बेहद सक्षम स्थिति को प्राप्त व्यक्ति हैं, जो सदगुरु के पवित्र उद्देश्यों के लिए अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं, बिना किसी व्यक्तिगत आर्थिक लाभ की कामना या प्राप्ति के।

वो भारत के अक्षुण्ण और सार्थक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की प्रतिष्ठा कर रहे हैं, वो भारत को और सम्पूर्ण विश्व को भारत की अद्भुत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रति चेतन जागरुक और दीक्षित और प्रशिक्षित कर रहे हैं।
उन्होंने ध्यान साधना के लिए पूर्व काल में असाध्य एवं असंभव, एक अद्भुत रचना निर्मित की है, जो पिछले हजारों सालों से योगियों और दिव्यदर्शियों का स्वप्न रहा है, वो है ध्यानलिंग – मुक्ति का द्वार सदगुरु के अनेक जन्मों की साधना और उनके गुरु के स्वप्न का जीवंत जागृत सातों चक्रों तक चरम रूप से प्रतिष्ठित शिव स्वरुप है ध्यानलिंग के स्वरुप में।
वो इस राष्ट्र और संपूर्ण विश्व में चैतन्य योगियों, साधकों और प्रशिक्षक और प्रशिक्षुओं की एक विराट श्रृंखला निर्मित कर रहे हैं, जो पूरे विश्व में स्वयं को और सभी को मनुष्य होने की असीम संभावना और गौरव के प्रति जागरुक और परिचित होने में सक्षम बना रहे हैं, ईशा योग केंद्र द्वारा संचालित आत्म रूपांतरण के कार्यक्रम।
वो एक ऐसी मनुष्यता और मनुष्य निर्मित करने की संभावना पर कार्य कर रहे हैं, जो किसी भी जाति, धर्म, विचार पद्धति या भौगोलिक स्थिति और सामाजिक स्थिति, राजनितिक विचार से परे एक चेतनावान आत्म बोधयुक्त मुक्त मनुष्य के रूप में विकसित होने में समर्थ बन सके।
राजनेता और राजनैतिक शक्तियाँ सदैव जनता को दिग्भ्रमित करने, सत्य से विमुख रखने, झूठे प्रोपेगंडा फैलाने और उन्हें वास्तविक मुद्दों से विमुख रखने और इन्हीं सभी बातों का जाल बुनने और लोगों को व्यस्त रखने का कारोबार करते रहते है।
इस तरह वो अपने उद्देश्यों की पूर्ति करते रहते हैं और लोगों को मूर्ख बनाए रखने, उलझाए रखने, बाँटे रखने में व्यस्त रहते हैं, ताकि उनकी कमजोरियों, भयों, अज्ञानता और भ्रमों का शोषण करते हुए उन्हें गुलाम, असंगठित और विभाजित रखा जा सके।
सदगुरु जैसी विभूतियाँ लोगों के भ्रमों, असत्यों और अज्ञान को नष्ट कर उन्हें जीवन, जगत और व्यवस्थाओं के सत्य के प्रति जागरुकता और बोध से भरते हैं, वो व्यक्ति को उसकी वास्तविकता से परिचित कराते हैं और उन्हें पूर्ण स्वतंत्रता की ओर अग्रसर होने में सक्षम बनाते हैं।
चेतना विकास की इन सभी प्रक्रियाओं में लोगों की रुचि बढ़ने और उनके इसमें शामिल होने से सभी असामाजिक और अराजक राजनीतिक, आर्थिक शक्तियों और व्यक्तियों को असुरक्षा महसूस होती है, क्योंकि लोगों की चेतना और बोध का जागृत होना, उनके फैलाये गये झूठ और भ्रमों की मृत्यु के द्वार खोलती है।
इसलिए सदा से कुटिल राजनैतिक शक्तियाँ, व्यवस्था और पदाधिकारी सदगुरु जैसे वास्तविक ज्ञानी, सत्य उदघोषक और वास्तविकता से साक्षात्कार कराने वाले बुद्ध पुरुषों से भयभीत रहते हैं, और उनकी छवि, महिमा, प्रतिभा और सत्य को मलिन और नष्ट करने मे संलग्न रहते हैं।
आप सदगुरु के बारे में, उनके कार्यों, शिक्षाओं और ज्ञान के मुक्तकों के लिए उनके संस्थान की वेबसाइट Homepage पर जा सकते है, और उनके संबंध में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आप सदगुरु द्वारा निर्देशित योग और ध्यान की विधियों और आत्म रूपांतरण की क्रियाओं और योग अभ्यासों के लिए विभिन्न एप्प डाउनलोड कर सकते हैं और उनका लाभ ले सकते हैं एंड्राइड app के लिए एवं iphone app के लिए, इसके अलावा भी अन्य एप्प आपके मोबाइल डिवाइसेस के लिए उपलब्ध हैं, जिनका आप लाभ ले सकते हैं।