हम सभी सिर्फ हमारे यौनांग नहीं है, हम इससे परे एक बृहत्तर आयाम और अस्तित्व हैं, इसकी खोज और अनुभूति की दिशा में कार्य कीजिये, नियमित, प्राणायाम और शारीरिक श्रम कीजिये, बच्चों के साथ खेलिए और अपने मन और शरीर को निर्दोष रखिये।
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A blog about Conscious and Healthy Living
हम सभी सिर्फ हमारे यौनांग नहीं है, हम इससे परे एक बृहत्तर आयाम और अस्तित्व हैं, इसकी खोज और अनुभूति की दिशा में कार्य कीजिये, नियमित, प्राणायाम और शारीरिक श्रम कीजिये, बच्चों के साथ खेलिए और अपने मन और शरीर को निर्दोष रखिये।
Read moreक्या अहंकार व्यक्ति के पतन का एक प्रमुख कारण होता है? Quora के मेरे एक पाठक ने पूछा है, क्या अहंकार व्यक्ति के पतन का एक प्रमुख कारण होता है? मेरा पूरा जीवन यह देखते, समझते ही बीता है, मैंने जीवन भर लोगों को उनकी मूर्खता, कमजोरियों और अहंकार की वजह से पतित और समूल नष्ट होते हुए देखा है। यह मेरे जीवन के सबसे गहरे अनुभव में से एक है, सफलता, शक्ति, ऐश्वर्य, सत्ता का मूल्य तभी है जब वो सभी के कल्याण के लिए प्रयुक्त हो जब यह सिर्फ अपनी अंधी स्वार्थ सिद्धि और महिमामंडन करने और दूषित[…]
Read moreलोगों का ईश्वर की और झुकाव क्यों नहीं हो पाता है? Quora पर मेरी एक पाठक और मित्र ने पूछा है की लोगों का ईश्वर की और झुकाव क्यों नहीं हो पाता है? दरअसल जो खुद के करीब नहीं हो पा रहा, उसके खुदा के करीब होने की कोई भी, गुंजाइश नहीं है, इस दुनिया में लोग सब कुछ जानते हैं, खुद के सिवा, की वो कौन हैं, क्या हैं, और किसलिये यहाँ हैं? है ना अजीब बात। ईश्वर की वास्तविकता और यह ईश्वर कौन चिड़िया का नाम है, कबीर साहब ने कहा है, निर्गुण कौन देश को वासी? पता[…]
Read moreसफलता क्या है, और कौन सफल है? सबसे पहले ये जान लेते हैं, सफलता किस चिड़िया का नाम है? सफलता क्या है, और कौन सफल है? सफलता से आपका क्या तात्पर्य है? इस दुनिया में हर व्यक्ति के लिए सफलता का अलग पैमाना होता है, और देखनेवालों की दृष्टि भी अलग अलग होती है। सफलता क्या है? यहाँ सभी लोग अपने सपने और लक्ष्य का या उस बात का पीछा कर रहे हैं जो उन्हें लगता है उनके लिए जरुरी है, या जिसके मिल जाने से उनके जीवन में कुछ बहुत बेहतर हो जायेगा, उन्हें, संतुष्टि, परितृप्ति या सफलता या[…]
Read moreचेतना का विकास ही समस्त कल्याण की आधारशिला है मनुष्य जाति का सारा उत्थान चेतना के विकास का परिणाम है, जो भी भौतिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक प्रगति मनुष्य ने हजारों वर्षों मे की है वो सिर्फ हमारी चेतना के विकास से संभव हुआ है I मनुष्यों और पशुओं मे भी यह फर्क इसलिए है क्यूंकि मनुष्य ने अपनी रीढ़ को सीधा रखकर दो पैरों पर चलना सीखा और यह संभव हुआ उसकी चेतना के विकसित होने की वजह से, और मनुष्यों मे ही यह सम्भावना प्रकट हुई है पशुओं मे नहीं I मनुष्य का विकास उसकी चेतना के विकास[…]
Read moreयुवाओं के शिक्षित होने के बावजूद बेरोजगारी क्यों है? Quora पर मेरे एक पाठक ने यह प्रश्न पूछा है शिक्षा दर में बढोतरी के बावजूद पुरुषों और महिलाओं में नौकरी की ललक कम क्यों है? यहाँ इस प्रश्न का उत्तर समस्त तथाकथित शिक्षित युवाओं को ध्यान मे रखकर दिया गया है, शिक्षित होना और विभिन्न कार्यों के लिए उचित कुशलता, अनुभव और आत्मविश्वास का होना बिल्कुल अलग बात है, हमारे अधिकांशतः तथाकथित शिक्षित व डिग्री धारी युवक युवतियों में व्यावहारिक व व्यावसायिक कुशलता और अनुभव का पूर्णतया अभाव होता है। यह हमारे देश में बेरोजगारी और सारे उपद्रव और असंतोष की वजह है,[…]
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